बहुत बेहतर है रोजमर्रा के कामों में इतना अधिक व्यस्त हो जाना हर रोज
कि उनसे बात करने उन्हें याद करने की
फ़ुरसत ही न हो जिनसे कभी प्यार था अब नहीं है।
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