बड़े शहरों
से बचकर हम लौट आते हैं
पुराने छोटे शहरों में
साल के कुछ दिन
पुराने शहरों में
तेज़ी से बदलते वक्त के बावजूद
बहुत कुछ पुराना
बचा रहता है l
मेरे हिस्से के पुराने शहर में
उन जर्जर मकानों से दोस्ती सी है मेरी
जो कम से कम सौ साल पुराने हैं
सड़क की तरफ़ कई दुकानें है
उनमें होते हुए भी अलग लगती हैं उनसे ।
जर्जर मकानों में बीता हुआ शहर रहता है
गलियाँ पुराने बाज़ार बेतरतीब चौराहे
दहलीज़ पर ही रुक जाता है जिनके
नया समय
बच बचाकर
हम पहुँच जाते हैं उन दुकानों में
जिनकी पुरानी मटमैली दराज़ों में
बीते दो तीन दशक
पोटलियों में बंधे रखे हैं ।
हमारे चाहने से नहीं होता
हम शहरों को
एक में एक मिला नहीं सकते ।
उनके भीतर कुछ है
जो उन्हें दूर करता है
उनके बीच की सड़कें
भाषा है
जिसके बावजूद बहुत कुछ
चाहकर भी कहा नहीं जा पाता ,
चाह कर भी, सुना नहीं जा पाता ।
सड़के जोड़ती तो है लेकिन अलग भी करती हैं ।
पुराने शहर व बड़े शहरों को जोड़ती सड़कें
प्रेम से ऊब चुके
लेकिन प्यासे मन सी होती हैं ।
दो शहरों के अलग होने से
उन्हें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता ।
पड़ता भी हो , तो दीखता नहीं ।
उन्हें यह पता होता है कि
शहरों को वस्तुत:
सड़कें नहीं कहानियाँ व बिछड़े हुए लोग जोड़ते हैं ।