किसी छोटी जगह पर
बरसात बड़ी ही व्यक्तिगत बात सी होती है !
छोटी जगह पर
गिरती बरसात को
हमारे पुराने दुख
याद होते हैं ।
वह उन पेड़ को भी
पहचानती है जिन्हें हम
पसन्द करते आये हैं ।
तमाम खो गयी तसल्लियों को
बरसात बिना दोहराव के
पुन: पुन: खोज लाती है ।
हमारे होने को हमें बताती है ।
बरसात जा चुके लोगों को ,
स्मृति से परे ,
एक भीनी सी महक के तौर पर
हमारे बिल्कुल पास रखकर जाती है ।
दुखद स्मृतियों में से दुख हटाकर
नम हवा की किश्त बना कर !
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