उसके बनाये लोग
जानने न लगे एक दूसरे को
इसलिए उसने गढ़ी भाषा
प्रेम में हारे
तमाम लोग
उसे तलाश न लें एक साथ
इसलिए उसने खड़े किये
पूजाघर
उसके हाथों से बाहर
न सरक जाय ये दुनिया
इसलिए ही
ईश्वर ने बनायी भूख !
भूख भाषा और सुरक्षित रहें पूजाघर
इसलिए उसने चुने राष्ट्राध्यक्ष
खोदीं सीमाएँ , खड़ी की सेनाएँ
हत्याओं को किया महिमामण्डित
ईश्वर ! कैसे बने तुम क्रूर इतने ?
आख़िर तुम्हारी पालिटिक्स क्या है ?
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