Wednesday, May 6, 2020

अन्तहीन कथाओं की तलाश

Image from internet

कोई पुरानी इमारत
कोई पिछले जमाने का किला
कोई ऐतिहासिक खण्डहर

ये सब
समय की चादर में
बारीक सुराख से होते हैं.

इनके पास से गुजरते हुये
इनमें से होते हुये
हम अतीत की किसी आधी अधूरी कहानी में
कोई पात्र बन कर
अपने को ही पहचान लेना चाहते हैं


हजारों साल पहले तराशी गयी
किसी खिड़की को ताकते हुये
वस्तुतः हम खोज रहे होते है कोई रास्ता
सशरीर वापस लौट जाने का.

नहीं  ,यह अतीत का आकर्षण नहीं है.
गुलमोहर की डाल पर फुदकती
गौरैया भी जानती है समय एक चादर है  घने धुऎं की

हमारे लौट जाने की आस
अन्तहीन कथाओं की तलाश है.  


1 comment:

  1. बहुत ही सुंदर भईया ।
    - तुलिका

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