Saturday, May 9, 2020

जिम्मेदारी

भूख के लिए ज़िम्मेदार ठहरायी गई 
रोटी ! 
जीवन की दुर्घटना के लिए 
किया गया कटघरे में खड़ा 
हवाओं को ! 

नदी ने जब अपनी बात कही 
तो माना गया उसे बाढ़ 

कोयल ने मोर ने जब चींख चींख कर 
त्रासदी की चेतावनी दी 
उन्हें बताया गया सौन्दर्य के अप्रतिम गीत ! 

सागरों ने जब छोड़ दी थोड़ी सी ज़मीन सूरज के लिए 
किसी ने कहा इसे अपनी विजय ! 

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