Monday, April 13, 2009

क्षणिकाए

(1)
मैं बना गर्भ
पालता बीज
तुम्हारे प्रेम का ।

(2)
खूशबू से पूछो
पता
फूल के दर्द का ।


(3)
घोंसले में थकी सोयी है
चिड़िया । सूरज !
रुको अभी थोड़ी देर !

5 comments:

  1. ultimate dear !!

    मुझे अंतिम वाली बहुत अच्छी लगी

    मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

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  2. आखिरी वाला बहुत बढिया है।बधाई।

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  3. हायकू की संरचना पर ध्यान दो . अंतिम वाली अच्छी है,.

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  4. प्रिय आर्जव

    भाव सुन्दर हैं !!!
    हायकू के संरचना की कुछ प्रतिबद्धता है --

    पहली और तीसरी पंक्ति में पांच अक्षर होते हैं और दूसरी में सात. कुल सत्रह अक्षरों से बनता है हायकू.

    सस्नेह

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