Monday, August 21, 2017

हे डीयर प्रभू !

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हे डीयर प्रभू !
कवि न बनने देना ऐसा
कि अपनी रचनाएं
पूरी होने से पहले ही, 
लपालप
मित्रों-मित्राणियों के
कपार पर 
खचाखच 
पटक पटक पूछूं …..
कैसी है कैसी है कैसी है !

हे डीयर प्रभू !
थोड़ी किरपा दे
लेना बचाय ! 

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