1. जो कविताएं नहीं लिखी गई मन में उमग कर रह गई उन्हें घुटन नहीं होती होगी ? कब्र में दबे होने जैसी ?
2. उतर आया धुधलका शाम का
खिड़की से दीखता आसमान शान्त उदास स्थिर,
एक और दिन बीत गया कभी न लौटने के लिए।
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