Thursday, November 22, 2018

मठाधीशी की कला

जरूरी नहीं कि हृदय में ईश्वर का प्रकाश ही आपको व्यावहारिक तौर पर स्थिर, गंभीर, आत्मप्रवृत्त बनाता हो। अपने चित्त के घामड़पन, अपनी कुटिलता की शक्ति में निर्द्वन्द  व अटल विश्वास भी व्यक्ति को वाह्य तौर पर उतनी ही स्थिरता देता है जितना कि वास्तविक सत्य का बोध।
उदाहरण के लिए आप अपने आसपास के तमाम बड़े-छोटे मठाधीशों को देख सकते हैं।

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