तुम्हारा जो प्यार मुझसे है
उससे हमारे रिश्ते बनते हैं ।
तुम्हारा जो दूसरों से प्यार है
उससे हमारे रिश्ते बिगडते हैं ।
इनके बनने और बिगड़ने के बीच
मैं खड़ा रहता हूं अक्सर
दो फूलॊं के बीच
थिर उदास
हवा की तरह ।
बहुत देर बाद
अन्त में
मुझे लगता है
अन्त में
मुझे लगता है
कि जब मैं मंरूगा,
जिन्दगी के अन्त में , किसी भी क्षण
तब मुझे याद रहेगा
बस वही प्यार
जो तुम्हारा मुझसे है ।
मौत जानती है शायद
सही चीज चुनना !
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