Wednesday, February 13, 2013

अधूरी इच्छा

सुर्ख़ लाल
दहकते कोयले जैसा प्यार
तुम्हें करने की
हुलस कर अधूरी रह गयी
बलवती इच्छा .........! !

याद आयीं अभी 

काट कर लटकाये गये
मांस के लोथ से टपकती

अदृश्य दर्द की बूंदे !!!

4 comments: