प्यार
तरह तरह के होते हैं ।
किसी बीते हुये प्यार को
याद करना , पुनः प्यार से भर उठना
एक अलग प्यार है ।
किसी चल रहे प्यार को सोच कर
धीरे से मुस्कुराना , फिर तुरन्त
काम में व्यस्त हो जाना
एक अलग प्यार है ।
किसी दूसरे के प्यार को
देखकर ,दो बूंद
खुद के बारे में सोचना
एक अलग प्यार है ।
वे प्यार जो हुये ही नहीं
और वे प्यार
जो होते होते रह गये,
सब को सोच कर
मन में भर जाने वाला प्यार
एक अलग प्यार है ।
इसी तरह
एक नये प्यार की
सुकुमार व सुन्दर कल्पना करना ,
उस नये सौन्दर्य में खो जाना
एक अलग प्यार है ।
अब यहां
सब प्यार अलग अलग प्यार है ।
लेकिन
अच्छी बात यह है कि
सब
प्यार ही है ।
तरह तरह के होते हैं ।
किसी बीते हुये प्यार को
याद करना , पुनः प्यार से भर उठना
एक अलग प्यार है ।
किसी चल रहे प्यार को सोच कर
धीरे से मुस्कुराना , फिर तुरन्त
काम में व्यस्त हो जाना
एक अलग प्यार है ।
किसी दूसरे के प्यार को
देखकर ,दो बूंद
खुद के बारे में सोचना
एक अलग प्यार है ।
वे प्यार जो हुये ही नहीं
और वे प्यार
जो होते होते रह गये,
सब को सोच कर
मन में भर जाने वाला प्यार
एक अलग प्यार है ।
इसी तरह
एक नये प्यार की
सुकुमार व सुन्दर कल्पना करना ,
उस नये सौन्दर्य में खो जाना
एक अलग प्यार है ।
अब यहां
सब प्यार अलग अलग प्यार है ।
लेकिन
अच्छी बात यह है कि
सब
प्यार ही है ।
ढूढ लेता लेकिन डायाक्रोनिक के हिज्जे नहीं पता। अर्थ बताएँगे महानुभाव? कि आप के प्यार की तरह यह भी मल्टी परत है?
ReplyDeleteअच्छी बात है कि सब प्यार ही है। मेरी ये टिप्पणी भी !
उपर हेडिंग का फोटो बहुत जगह घेरता है और लोड हो ने मे समय लेता है। ठीक करिए।
ReplyDeleteफॉलोवर हो रहा हूँ।
rachana ke bhaav achche lage.
ReplyDeleteचलो !
ReplyDeleteयह संतोष ही बहुत हुआ कि
"सब
प्यार ही है । "
जबरदस्त ’मल्टीपरत प्यार’ !
एक दिक्कत हमेशा से रही है मुझे, हर चीज की स्टडी क्यों करते हो तुम !
ReplyDeleteअभी अध्ययन जारी है कि निष्कर्ष पर आ गए?
ReplyDelete