Sunday, October 8, 2017

फुग्गे जैसी

जब हम किसी को देखते है
आंखों​ से
तो हम देखते हैं उसके
हाथ पैर
नाक आंख
घुटने गरदन

और इस बीच
हम
पूरी तरह
भूल जाते हैं कि
उसमें एक आत्मा
भी रहती है

फुग्गे जैसी

2 comments:

  1. भौतिक आँखों से भौतिक अंग ही दिख पाते हैं, यही सीमा है। :(

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  2. ज़बरदस्त प्रस्तुती!

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