(मेरी) कविता के शब्दों में
तुम
अर्थ न खोजना, उसकी व्याख्यायें न करना ।
केवल उच्चरित करना ,
उन्हें धारण करना और चुप हो जाना ।
वे बस शब्द नहीं हैं ।
वे दूत हैं ।
दूत-बहुत सूक्ष्म जीवधारी , तरंगायित आवृत्ति निर्मित देह वाले ।
आवृत्ति-चेतना के होने का एक ढ़ंग , गतिशील इसलिये अशंतः अभिव्यक्त ।
खैर,
तुम
उन्हें उच्चरित करना और चुप हो जाना ।
तुममें प्रवेश कर
वे तुम्हें अपने साथ कहीं ले जायेंगें ।
कहीं-किसी दूसरी जगह पर, अन्यत्र ।
हो सकता है
वो जगह उन्हें कहीं तुम्हारे भीतर ही मिल जाय
और वे तुम्हें वहां पहुंचा
(मुझमें) वापस लौट आयें ।
या हो सकता है
कि उस जगह की खोज में
वे कहीं तुम्हें तुमसे बाहर ले जांय ।
कहीं -स्थान व स्थिति के किसी दूसरे कोण व विमा में ,
और वहां घुमा दिखा
तुम्हें तुममें वापस छोंड़ने के
बाद
(मुझमें) वापस आयें ।
हो सकता है ! ,! ,! ,
लेकिन तुम उनमें अर्थ न खोजना, व्याख्या न करना ।
बड़े अच्छे हैं वे दूत ,
अपना काम कर लेंगें ।
तुम
अर्थ न खोजना, उसकी व्याख्यायें न करना ।
केवल उच्चरित करना ,
उन्हें धारण करना और चुप हो जाना ।
वे बस शब्द नहीं हैं ।
वे दूत हैं ।
दूत-बहुत सूक्ष्म जीवधारी , तरंगायित आवृत्ति निर्मित देह वाले ।
आवृत्ति-चेतना के होने का एक ढ़ंग , गतिशील इसलिये अशंतः अभिव्यक्त ।
खैर,
तुम
उन्हें उच्चरित करना और चुप हो जाना ।
तुममें प्रवेश कर
वे तुम्हें अपने साथ कहीं ले जायेंगें ।
कहीं-किसी दूसरी जगह पर, अन्यत्र ।
हो सकता है
वो जगह उन्हें कहीं तुम्हारे भीतर ही मिल जाय
और वे तुम्हें वहां पहुंचा
(मुझमें) वापस लौट आयें ।
या हो सकता है
कि उस जगह की खोज में
वे कहीं तुम्हें तुमसे बाहर ले जांय ।
कहीं -स्थान व स्थिति के किसी दूसरे कोण व विमा में ,
और वहां घुमा दिखा
तुम्हें तुममें वापस छोंड़ने के
बाद
(मुझमें) वापस आयें ।
हो सकता है ! ,! ,! ,
लेकिन तुम उनमें अर्थ न खोजना, व्याख्या न करना ।
बड़े अच्छे हैं वे दूत ,
अपना काम कर लेंगें ।
bahut badhiyaa aarjah jee, itnee kam awasthaa mein aapkaa gyan aur andaaj jaroor hee prabhavit karne wala hai. blog bhee kaafee khoobsoorat ban pada hai. likhte rahein.
ReplyDeleteभाई बहुत ही खूब लिखते हो आप वाह वाह। आपकी कविता पढ़कर मैं तो फैन हो गया आपका।
ReplyDeleteGAMBHIRATA HAI AAPKE LEKHAN ME KRAMAAGAT ROOP SE LIKHTE RAHE...
ReplyDeleteARSH
बहुत ही सुन्दर और सारगर्भित कविता है.
ReplyDeleteबिलकुल ही नवीन और अनछुए बिम्बों ने कविता को एक अपूर्व ताजगी प्रदान की है.
बहुत ही उत्कृष्ट रचना !!!
हैरान हूँ आपकी लेखनी पर.... इतनी कम उम्र में इतनी गहरी और ससक्त रचना....बहुत खूब....!!
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