ऊपर की
शान्त सतह से
कहाँ पता चलता है
क्या क्या कुछ है
गहरे अन्तर !
देखो तो..
धरती..
सागर..
पेड़..
पहाड़
और
खुद
तुम ही
देखो तो....
कितनी गतियां
कितने विप्लव
पलते भीतर
खिलते भीतर
देखो तो....
शान्त सतह से
कहाँ पता चलता है
क्या क्या कुछ है
गहरे अन्तर !
देखो तो..
धरती..
सागर..
पेड़..
पहाड़
और
खुद
तुम ही
देखो तो....
कितनी गतियां
कितने विप्लव
पलते भीतर
खिलते भीतर
देखो तो....
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