कविता से
नहीं होगा कोई समाज सुधार
कोई क्रान्ति भी नहीं आयेगी
न ही भरेगा किसी भूखे का पेट !
कविता
बस
सब कुछ ठीक हो जाने की
झूठी आशा का
एक सिरा है !
जी लोगे बिना इसके ?
नहीं होगा कोई समाज सुधार
कोई क्रान्ति भी नहीं आयेगी
न ही भरेगा किसी भूखे का पेट !
कविता
बस
सब कुछ ठीक हो जाने की
झूठी आशा का
एक सिरा है !
जी लोगे बिना इसके ?
No comments:
Post a Comment