Friday, July 6, 2012

“कालिंग”……..

नये वाले मोबाइल के भी
कान्टैक्ट में सेव हैं
कुछ पुराने,
बन्द पड़े , 
आऊट आफ़ सर्विस,
नम्बर  !

अपरिचित अन्धेरों और
असम्बद्ध सन्नाटॊं से त्रस्त
किसी रात
टेबल पर बैठा ,
कलम खुट खुट करता,
लैम्प की रोशनी पढता ,
मन
दिनों बाद
न जाने कब
मोबाइल पर चला जाता है
और
यह जानते हुये भी कि
इन नम्बरों पर अब फोन नहीं जाता ,
मर चुके हैं ये नम्बर ,
डायल कर देता है उन्हें !

स्क्रीन पर 
चिन्ह उभर आता है
“कालिंग”……..
और बिन्दुओं की एक रेखा 
जलती बुझती रहती है …

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