Friday, October 3, 2014
अन्त
बुरा नहीं है
इतना भी
दफ्न हो जाना
साथ
अधूरे सपनों के ।
1 comment:
श्याम जुनेजा
October 4, 2014 at 4:31 AM
और फूट निकलना
फिर से अधोमुखी
उधर्व्मुखी विस्तार के साथ
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और फूट निकलना
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उधर्व्मुखी विस्तार के साथ