tag:blogger.com,1999:blog-2167296967343196015.post1916967421852469859..comments2023-10-30T02:56:05.141-07:00Comments on आर्जव: हिन्दी अभिषेक आर्जवhttp://www.blogger.com/profile/12169006209532181466noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2167296967343196015.post-48037974846668444102015-04-23T23:40:15.910-07:002015-04-23T23:40:15.910-07:00बेहद सुन्दर!बेहद सुन्दर!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2167296967343196015.post-62023358681246507672015-02-07T20:48:20.832-08:002015-02-07T20:48:20.832-08:00'तुम हमारे व्यक्तित्व की
उन रस धाराओं को
बड़े क... 'तुम हमारे व्यक्तित्व की<br />उन रस धाराओं को<br />बड़े करीने से ,<br />बड़ी कुशलता , बड़ी अदब से<br />सजा कर , सवांरकर रखा है<br />जो हमारी सभ्यता के मूल उत्स को<br />समय के क्रूर पंजों की पहुंच से दूर करती हैं ,<br />हमें अक्षुण्ण बनाती हैं ।'<br />- हिन्दी भाषा जिन संस्कारों से हमारा व्यक्तित्व सँवारती है ,सुदूर अतीत से भविष्य तक काल खंडों में जीवंत निरंतरता बनाए रख , बिखर कर गुमनाम होने से बचाए है - पूर्वजों की अमूल्य धरोहर बनी अपनी पहचान से संपन्न कर हमारे अस्तित्व की वाहक बन गई है .<br />प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2167296967343196015.post-58082345647424043422015-02-02T17:44:29.860-08:002015-02-02T17:44:29.860-08:00बढियां प्रस्तुति शब्द दर शब्द बढियां प्रस्तुति शब्द दर शब्द Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com